सोमवार, 2 जुलाई 2018

"भारत में महिलाओं की सुरक्षा ?"

 महिला जिसे जंग जननी कहा जाता है देवी तुल्य माना जाता है परंतु आज के समय में महिलाओं के साथ बढ़ते दुर्व्यवहार को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। हाल ही में चर्चित एक नये मुद्दे ने जन्म लिया है कि भारत महिलाओं के लिए सुरक्षित देश नहीं है! "महिलाओं के लिए विश्व का सबसे ख़तरनाक देश 2018" नामक सर्वेक्षण "थामसन रायटर्स फाउंडेशन" ने किया, जिसमें भारत विश्व में महिलाओं के लिए सबसे अधिक खतरनाक देश पाया गया।सर्वेक्षण जनमत द्वारा किया गया है, जिसे कि कुछ भारतीय महिला संगठनों (भारतीय महिएं समाज कल्याण) द्वारा नकारा गया है क्योंकि जनसंख्या के आधार पर पूरे विश्व में महिलाए लगभग 50% (विश्व बैंक के अनुसार)हैं और इस सर्वेक्षण में कुल 759 महिला मुद्दों के विशेषज्ञों पर अध्ययन किया और कुल 548 विशेषज्ञों ने प्रतिक्रियाएं दीं, जो कि सम्पूर्ण महिला प्रतिनिधित्व को नहीं बता सकता है, इसलिए इस सर्वेक्षण को सही नहीं माना जा सकता है परन्तु ऐसे में क्या सिर्फ कुछ महिलाओं द्वारा सर्वेक्षण को नकारा जाना स्वीकार किया जाना चाहिए? क्या वाकई में हमारे देश की महिलाएं बेटियों को सुरक्षित माना जाना चाहिए जो लगभग हर घंटे चार बलात्कार की घटनाओं का शिकार हो रहीं हैं। क्या हम ईमानदारी से अपनी बहन बेटियों के लिए सहज महसूस कर सकते हैं ? शायद नहीं, जिस तेजी से भारत में बलात्कार की घटनाएं बढ़ रही है उस लिहाज से तो शायद नहीं। भारत में महिलाओं को देवी रुप माना तो जाता है परंतु जमीनी हकीकत यह है कि महिलाओं को हमेशा दूसरे नंबर पर ही रखा जाता है। महिला चाहे किसी भी पेशे में हो उसे जेंडर भेदभाव का सामना करना ही पड़ता है फिर वह पत्रकार हो या वकील हो या नेता महिलाओं को गालियां देकर ही इज्जत दी जा रही है।
महिला सुरक्षा पर सरकार चाहे जितनी भी अपनी पीठ थपथपा ले परंतु महिलाओं से होने वाली बदसलूकी, को रोक पाने में नाकामयाब ही साबित हुई हैं। आज जब हम नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि पिछले पांच सालों में महिलाओं के खिलाफ क्राइम बढ़े ही हैं कम नहीं हुए हैं नेशनल क्राइम रिपोर्ट ब्यूरो के अनुसार 2016 में महिलाओं के खिलाफ क्राइम लगभग 55% पाए गए जो दर्शाता है कि महिलाएं भारत में कितनी सुरक्षित हैं?
महिलाओं को सुरक्षित रखने में सिर्फ सरकार का ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर, आर्थिक स्थिति और व्यक्तिगत मानसिकता का सही होना भी आवश्यक है जब तक महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना नहीं होगी तब तक महिला उत्पीड़न कम नहीं होगा।

सौर मंडल

  सौर मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हुए सूर्य और खगोलीय पिंड जैसे चंद्रमा, क्षुद्रग्रह, धूमकेतु और उल्कापिंड सम्मलित हैं...